गुलज़ार साहब के लिखें हुए दिल को छू जाने वाले गाने, नज़्में, शायरिया ग़ज़लें, रोमांटिक कोट्स आज भी हर किसी के होठों पर हमेशा रहते हैं, वही गुलज़ार साहब आज भी अपने शब्दों के जादू से सब के दिलो पर राज कर रहे हैं। आज हम आपके लिए लाये हैं उन्ही के लिखें कुछ कोट्स, शायरी, ग़ज़लें और भी बहुत कुछ:
गुलज़ार साहब के कुछ कोट्स और शायरी
जब दिल टूटता है न
तो आवाज़ हलक से
नहीं निकलती,
आंखें खुद-बा-खुद
चिल्ला पड़ती है.
एक बार तो यूँ होगा,
थोड़ा सा सुकून होगा
ना दिल में कसक होगी,
ना सर में जूनून होगा
थोड़ा सा सुकून होगा
ना दिल में कसक होगी,
ना सर में जूनून होगा
3 मैं हर रात सारी ख्वाहिशों को खुद से पहले सुला देता,
हूँ मगर रोज़ सुबह ये मुझसे पहले जाग जाती है।
4 आइना देख कर तसल्ली हुई,
हम को इस घर में जानता है कोई
5 ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा,
क़ाफ़िला साथ और सफ़र तन्हा।
6 हम ने अक्सर तुम्हारी राहों में,
रुक कर अपना ही इंतिज़ार किया
7 आप के बाद हर घड़ी हम ने,
आप के साथ ही गुज़ारी है।
8यार ने कैसी रिहाई दी है।
9 कुछ अलग करना हो तो भीड़ से हट के चलिए,
भीड़ साहस तो देती हैं मगर पहचान छिन लेती हैं।
10 बहुत अंदर तक जला देती हैं,
वो शिकायते जो बया नहीं होती।
कुछ ऐसे हो गए है इस दौर के रिश्ते¸
आवाज अगर तुम ना दो तो बोलते वह भी नही।
तुझसे कोई शिकवा शिकायत नही है
जिंदगी तूने जो भी दिया है वही बहुत है।
तोड़कर जोड़ लो चाहे✧¸ हर चीज दुनिया की¸
सब कुछ काबिले मरम्मत है✧ एतबार के सिवा।
जिन्हें वाकई बात करना आता है✧¸
वो लोग अक्सर खामोश रहते है✧।
आवाज अगर तुम ना दो तो बोलते वह भी नही।
जिंदगी तूने जो भी दिया है वही बहुत है।
सब कुछ काबिले मरम्मत है✧ एतबार के सिवा।
वो लोग अक्सर खामोश रहते है✧।
लगता है✧ आज जिंदगी कुछ खफा है✧¸
चलिए छोड़िए कौनसा क्या पहली दफा है✧।
चलिए छोड़िए कौनसा क्या पहली दफा है✧।
इतना क्यों सिखाई जा रही हो जिंदगी
हमें कौन से सदिया गुजारनी है यहां
हमें कौन से सदिया गुजारनी है यहां
बहुत छाले हैं उसके पैरों में
कमबख्त उसूलो पर चल होगा
कमबख्त उसूलो पर चल होगा
तुम ठहरो ¸आज 🕥वक्त को जाने दो।
No comments:
Post a Comment