Bezzuban Love Shayari
कहां तलाश करोगे तुम दिल हम जैसा
जो तुम्हारी बेरुखी भी साह और प्यार भी करें
क्या लूटेगा जमाना मेरी खुशियों को
मैं तो खुद अपनी खुशियां दूसरों पर लुटा कर जीता हूं
नहीं कुछ फायदा इस कैद से आजाद होने का
मजा कुछ और ही है इश्क में बर्बाद होने का
तेरी चाहत तो मुकद्दर है मिले ना मिले
राहत जरूर मिल जाती है तुझे अपना सोचकर
कभी ना कभी वों मेरे बारे में सोचेगी जरूर
हासिल होने की उम्मीद ना थी फिर भी मोहब्बत करता था
मैं शिकायत क्यों करूं य तो किस्मत की बात है
तेरी सोच में भी मैं नहीं मुझे लफ्ज़ लफ्ज़ तु याद है ।
दुआओं में मांग चुके हैं हम तुम्हें
कबूल होने का इंतजार उम्र भर रहेगा
तेरे चले जाने से जान तो नहीं जाएगी
पार तेरे बाद ली गई सांसे जिंदगी नहीं कहा लयगी |
ना समेट इन्हें तू बिखारी रहने दे अपनी जुल्फों को
कि और भी खूबसूरत दिखता है चांद जब बादलों से झांकता है
चुपचाप गुजार देंगे तेरे बीना भी य जिंदगी, लोगों को सिखा देंगे मोहब्बत ऐसी भी होती है |
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