“अधूरे मिलन की आस हैं जिंदगी,
सुख-दुःख का एहसास हैं जिंदगी,
फुरसत मिले तो ख्वाबो में आया करो,
आप के बिना बड़ी उदास हैं जिंदगी “
हमारी गलतियों से कही टूट न जाना,
हमारी शरारत से कही रूठ न जाना,
तुम्हारी चाहत ही हमारी जिंदगी हैं,
इस प्यारे से बंधन को भूल न जाना.
“उसकी याद हमें बेचैन बना जाती हैं,
हर जगह हमें उसकी सूरत नज़र आती हैं,
कैसा हाल किया हैं मेरा आपके प्यार ने,
नींद भी आती हैं तो आँखे बुरा मान जाती हैं.”
हर वक्त मुस्कुराना फिदरत हैं हमारी,
आप यूँ ही खुश रहे हसरत हैं हमारी,
आपको हम याद आये या ना आये,
आपको याद करना आदत हैं हमारी.”
“हम वो नहीं की भूल जाया करते हैं,
हम वो नहीं जो निभाया करते हैं,
दूर रहकर मिलना सायद मुस्किल हो,
पर याद करके सांसो में बस जाया करते हैं.”
“दिन तेरे ख़याल में गुजर जाता हैं,
रातों को भी ख़याल तेरा ही आता हैं,
कभी ये ख़याल इस तरह बढ़ जाता है की,
आयने में भी तेरा ही चेहरा नज़र आता हैं.”
“उनका हाल भी कुछ आप जैसा ही होगा,
आपका हाले दिल उन्हें भी महसूस होगा,
बेकरारी के आग में जो जल रहे हैं आप,
आपसे ज्यादा उन्हें इस जलन का एहसास होगा.”
“वो वक्त वो लम्हे अजीब होंगे,
दुनियाँ में हम खुश नशीब होंगे,
दूर से जब इतना याद करते हैं आपको,
क्या हाल होगा जब आप हमारे करीब होगे.”
सुनते नहीं क्यु दिल की पुकारे ,
बेताब कर गए हे आपके नज़ारे ,
चलो बेगाना करके इस जहाँ को ,
बन जाओ ना तुम हमदम हमारे.
सिर्फ इशारों में होती महोब्बत अगर,
इन अलफाजों को खुबसूरती कौन देता?
बस पत्थर बन के रह जाता “ताज महल”
सुख-दुःख का एहसास हैं जिंदगी,
फुरसत मिले तो ख्वाबो में आया करो,
आप के बिना बड़ी उदास हैं जिंदगी “
हमारी शरारत से कही रूठ न जाना,
तुम्हारी चाहत ही हमारी जिंदगी हैं,
इस प्यारे से बंधन को भूल न जाना.
हर जगह हमें उसकी सूरत नज़र आती हैं,
कैसा हाल किया हैं मेरा आपके प्यार ने,
नींद भी आती हैं तो आँखे बुरा मान जाती हैं.”
आप यूँ ही खुश रहे हसरत हैं हमारी,
आपको हम याद आये या ना आये,
आपको याद करना आदत हैं हमारी.”
हम वो नहीं जो निभाया करते हैं,
दूर रहकर मिलना सायद मुस्किल हो,
पर याद करके सांसो में बस जाया करते हैं.”
रातों को भी ख़याल तेरा ही आता हैं,
कभी ये ख़याल इस तरह बढ़ जाता है की,
आयने में भी तेरा ही चेहरा नज़र आता हैं.”
आपका हाले दिल उन्हें भी महसूस होगा,
बेकरारी के आग में जो जल रहे हैं आप,
आपसे ज्यादा उन्हें इस जलन का एहसास होगा.”
दुनियाँ में हम खुश नशीब होंगे,
दूर से जब इतना याद करते हैं आपको,
क्या हाल होगा जब आप हमारे करीब होगे.”
बेताब कर गए हे आपके नज़ारे ,
चलो बेगाना करके इस जहाँ को ,
बन जाओ ना तुम हमदम हमारे.
इन अलफाजों को खुबसूरती कौन देता?
बस पत्थर बन के रह जाता “ताज महल”
अगर इश्क इसे अपनी पहचान ना देता
No comments:
Post a Comment